पितृपक्ष के पहले दिन लगेगा साल का अंतिम चन्द्र ग्रहण,*।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। *पंडित गणेश शर्मा ll ज्योतिषाचार्य llसीहोर
अध्यात्म

सीहोर, एमपी विश्वास न्यूज
सीहोर।हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष प्रारंभ होता है। आमबोल चाल में इसे श्राद्धपक्ष भी कहते हैं। यह लगभग सोलह दिन की अवधि है, जिसमें पूर्वजों की आत्मशांति के लिए पाठ, दान-दक्षिणा, मान-सम्मान, पिंडदान और कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर पृथ्वी पर आते हैं और अपने वंशजों पर कृपा बरसाते हैं। ज्योतिष पद्म भूषण स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 को पूर्णिमा तिथि से हो रही है। यह तिथि न केवल धार्मिक बल्कि खगोल विज्ञान की दृष्टि से भी खास है। दरअसल, 7 सितंबर 2025 को साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। खास बात यह है कि यह ग्रहण भारत में नजर आने वाला है। ।
वैज्ञानिकों के मुताबिक जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इससे धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इसके अलावा इस चंद्र ग्रहण को भारत में देखा जाएगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। वहीं चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूजा-पाठ से लेकर अन्य शुभ कार्यों पर भी पड़ेगा। इसलिए आप इस अवधि में भूलकर भी धार्मिक यात्रा और खरीदारी न करें।
चंद्र ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा।पंडित शर्मा के अनुसार विक्रम संवत 2082 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि जिसे जिसको श्राद्ध पूर्णिमा कहते हैं इस दिन कई जगह कई समाज के लोग अपने पितरों को श्राद्ध में लेते हैं शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि रविवार 7 सितंबर 2025 को चंद्र खग्रास ग्रहण भारत में दिखाई देगा ग्रहण कुंभ राशि शतभिषा नक्षत्र के ऊपर रहेगा जिन महानुभावों की राशि कुंभ राशि है उन्हें ग्रहण नहीं देखना चाहिए (मीन राशि) वाले को भी यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए जिन राशि के लिए श्रेष्ठ रहेगा उनमें मेष,वृषभ, कन्या,धनु राशि को श्रेष्ठ फल कारक रहेगा सामान्य प्रभाव रहेगा वह राशी मिथुन सिंह, तुला, मकर हेतु चंद्र ग्रहण अशुभ राशियां वह राशि है कर्क ,वृश्चिक, मीन, कुंभ इनके लिए नेष्ट कारक रहेगा इस ग्रहण का सूतक दिनांक 7 सितंबर दोपहर 12:50 के बाद सूतक लगेगा वही ग्रहण प्रारंभ छाया में प्रवेश रात्रि 8:58 पर प्रवेश करेगा ग्रहण स्पर्श रात्रि 9:57 के बाद शुरू होगा जो रात्रि 1:27 पर ग्रहण का मोक्ष कालरात्रि 2:25 पर पूर्ण होगा ग्रहण में सात प्रकार का अनाज लोहा कपड़े दान करना चाहिए ग्रहण में राहु ग्रह का दान किया जाता है तभी उसका फल प्राप्त होता है ग्रहण में गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना है ग्रहण के सूतक लगने पर भोजन वगैरह नहीं किया जाना चाहिए,ग्रहण है,तब तक पूजा पाठ करते रहना चाहिए जैसे कलिंग देश बंगाल, मगध, सूरत राज्य जहां पर है ऐसे देश पर हानिकारक रहेगा ग्रहण काल से जिन वस्तुओं में तेजी आएगी वह है*काली वस्तु सफेद वस्तु लाल वास्तु,फल फूल एवं जल के अंदर पैदा होने वाली वस्तुएं इलेक्ट्रॉनिक सामान ज्वार, बाजरा आदि वस्तुओं में धन्य की वस्तुओं में तेजी के रुख रहेंगे पूर्णिमा के दिन जिन लोगों को श्राद्ध में लेना है कृपया वह 12:00 बजे तक ही भोजन से निवृत सभी रिश्तेदारों को या ब्राह्मण भोजन करना है 12:00 से पहले ही निवृत हो जाए
12 राशि के अनुसार चंद्र ग्रहण में दान करें लाभ मिलेगा, ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
मेष राशि लाल वस्तुएं,दान करें
वृषभ और तुला राशि सफेद वस्तुएं,दान करें
कर्क राशि दूध, दही, चावल दान करें
सिंह राशि गेहूं, मूंगफली, शहद दान करें
कन्या राशि गन्ने का रस दान करें
वृश्चिक राशि आलू, शकरकंद, गेहूं धान करें
धनु और मीन राशि पीले फल और वस्त्र दान करें
मकर और कुंभ राशि काले तिल और वस्त्रों का दान करें।।।।।।।।।। डॉ पंडित गणेश शर्मा ll ज्योतिषाचार्य ll सीहोर 9229112381